देश के गंदी राजनीति से युवाओं का भविष्य खतरे में है

 पुराने समय मे जो लोग देश की सेवा करना चाहते थे वे ही राजनीति में आते थे,वे अपने भविष्य की चिंता छोड़कर देश की नि:स्वार्थ सेवा में लग जाते थे आजादी की लड़ाई के समय तक लोगो के अंदर सच्चा देश प्रेम था बहुत से लोगो ने आजादी के आंदोलन में जुड़कर सरकारी नौकरी छोड़ दी थी,परिवार का सुख त्याग दिया था और यहाँ तक कि अपने प्राणो का मोह छोड़ दिया था कितने ही सच्चे देशभक्त इस आजादी की नींव में समा गया और इतिहास में इनका नाम तक नही है । आज भी हमारे देश मे अनगिनत नेता है जो अलग-अलग पार्टी के साथ जुड़े हुए है आवश्यकता पड़ने पर ये लोग तुरंत पार्टी बदलकर दूसरी पार्टी में चले जाते है नेतागिरी का लोभ निःसंदेह मनुष्य को पतित बनाता जा रहा है सारा देश नेतृत्व की अभिलाषा का शिकार होता जा रहा है भाषण,गर्जन,तिकडम और छल के झूठे वायदों और धोखे की कसमो से सारा सार्वजनिक वातावरण कोलाहलपूर्ण हो गया है जहाँ देखो वही नेताजी नजर आएंगे लगता यह है कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति अब नेता बनना चाहता है,भले ही उसका अनुगमन करने वाला न हो देश की सारी सुविधाओं का उपयोग करते हुए ये अपने आप को किसी राजा-महाराजा से कम नही समझते।विदेश जाकर महँगा इलाज कराते है सत्ता में आने के लिए लंबे-लंबे भाषण दिए जाते है गर्जना की जाती है तिकडम और छल के झूठे वायदे और धोखे की कसमें खाई जाती है दूसरी पार्टीयो पर कीचड़ उछाला जाता है येन-केन प्रकारेण साम,दाम,दंड और भेद नीतियों का प्रयोग करके अपने गंतव्य तक पहुँच जाते है ऐसे राजनेता देश के युवाओं को गलत दिशा दिखाते है परंतु अपने बच्चो को विदेश पढ़ने भेजते है ये अच्छी तरह  समझते है कि मुफ्त की चीजो के लालच में जनता उनको वोट दे ही देगी ये कभी नही चाहेंगे कि लोग शिक्षित होकर  अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो

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